MATTER 1444, … जब भी विश्व स्तर पर अन्तिम फ़ैसले के लिये मानवीय, साम्विधानिक, विधिक आधार, साक्ष्य सहित विधिवत तर्क के लिये प्रार्थी,अन्य इक्षुक व व्यवस्थाई पक्ष लम्बित होगा तब निर्णय प्रार्थी,अन्य इक्षुक व व्यवस्थाई पक्ष के फ़ेवर में ही होगा …
100% कानूनों को तोडने वाला देह पर ध्यान ना दे देशों की बात करने वाला कमिसन की जगह ओमिसन को जारी रखने वाला सिस्टम का आदेशदाता किसी भी प्राणी को स्वीकार होना अकस्मात, अन्जानता, विवसता व भ्रम ही है इसका मतलब ये है कि:- जब भी विश्व स्तर पर अन्तिम फ़ैसले के लिये मानवीय, साम्विधानिक, विधिक आधार, साक्ष्य सहित विधिवत तर्क के लिये प्रार्थी,अन्य इक्षुक व व्यवस्थाई पक्ष लम्बित होगा तब निर्णय प्रार्थी,अन्य इक्षुक व व्यवस्थाई पक्ष के फ़ेवर में ही होगा